बांग्लादेश में दुर्गा पूजा: अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को सुरक्षा और समर्थन का वादा
बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव के बाद अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है। विशेष रूप से, दुर्गा पूजा से पहले कई कट्टरपंथी समूहों ने पूजा आयोजनों में बाधा डालने की कोशिश की। यहां तक कि दुर्गा पूजा के आयोजन पर भी संदेह उठने लगे थे, जब कट्टरपंथियों ने पूजा समितियों से 5 लाख रुपये की जजिया टैक्स के रूप में मांग की। इन घटनाओं के चलते अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ी, और भारत, अमेरिका सहित कई देशों ने बांग्लादेश सरकार से अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की।
सरकार के फैसले और सुधार
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को बढ़ती आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसके बाद उन्होंने दुर्गा पूजा के सफल आयोजन के लिए कई अहम कदम उठाए। प्रशासन ने घोषणा की कि 9 से 13 अक्टूबर तक देश भर के 32,666 दुर्गा पूजा मंडपों में उत्सव मनाया जाएगा। इसके साथ ही, सरकार ने अल्पसंख्यक समुदाय की 8 सूत्रीय मांगों के बाद दुर्गा पूजा के लिए एक दिन की अतिरिक्त छुट्टी की घोषणा की। इस बार, परंपरागत एक दिन की छुट्टी के बजाय दो दिन की सार्वजनिक छुट्टी होगी, जिससे कुल मिलाकर दुर्गा पूजा के अवसर पर चार दिन की छुट्टियां होंगी।
सेना ने सुरक्षा का आश्वासन दिया
बांग्लादेश सरकार के अलावा, सेना ने भी दुर्गा पूजा के दौरान हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया। बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने कहा कि पूरे देश में पूजा स्थलों पर सुरक्षा के लिए सेना तैनात की गई है, ताकि कानून और व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। यह कदम हिंदू समुदाय के प्रति सरकार और सेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
हिंसा प्रभावितों के लिए मुआवजा
अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ हिंसा की घटनाओं के मद्देनजर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने हिंसा से प्रभावित हिंदुओं के लिए मुआवजा देने की भी घोषणा की है। बांग्लादेश संयुक्त अल्पसंख्यक गठबंधन ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यक समुदायों को आगजनी, लूटपाट, बर्बरता, हत्या, बलात्कार, और निर्वासन जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ा है। इन घटनाओं के कारण अल्पसंख्यक समुदाय में भय का माहौल व्याप्त हो गया था, जिसके बाद सरकार ने मुआवजे की पेशकश की।
अंतरिम सरकार के प्रमुख का संदेश
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस ने भी दुर्गा पूजा के अवसर पर हिंदू समुदाय के लिए एक सकारात्मक संदेश जारी किया। अपने संदेश में उन्होंने कहा, "दुर्गा पूजा केवल हिंदू समुदाय का त्योहार नहीं है, बल्कि यह अब सभी का त्योहार बन गया है। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य बुरी शक्तियों का विनाश और सत्य एवं सौंदर्य की पूजा है।" उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश का संविधान सभी धर्मों और जातियों को समान अधिकारों की गारंटी देता है, और सरकार इस सिद्धांत का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुर्गा पूजा के आयोजन पर सरकार के अहम फैसले
- दुर्गा पूजा के अवसर पर एक दिन की अतिरिक्त सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा।
- पूजा स्थलों पर पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था और जवानों की तैनाती।
- हिंसा प्रभावित हिंदू समुदाय के लिए मुआवजे की घोषणा।
- अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की ओर से शुभकामनाएं और धार्मिक सद्भावना का संदेश।
बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के आयोजन को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए सरकार और सेना द्वारा उठाए गए कदमों से देश के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को राहत मिली है। हालांकि, पिछले कुछ महीनों में हुई हिंसा ने एक गहरी चिंता पैदा की थी, जिसे अब सरकार के ठोस फैसलों ने कम करने की कोशिश की है।