भारत-कनाडा के बीच राजनयिक तनाव: भारत ने कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित कर उठाए सख्त कदम
भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया है। भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फ़ैसला किया है, साथ ही दिल्ली स्थित कनाडाई उच्चायोग को समन भेजकर कड़ा संदेश दिया है। इस निर्णय के तहत भारत ने कनाडा के छह वरिष्ठ राजनयिकों को निष्कासित करने का भी आदेश जारी किया है। निष्कासित राजनयिकों की सूची में कार्यकारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर, उप-उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट, और तीन फ़र्स्ट सेक्रेटरी शामिल हैं। इन सभी को 19 अक्तूबर को रात 11:59 बजे से पहले भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।
कनाडा के आरोप और भारत की प्रतिक्रिया
यह राजनयिक तनाव उस समय और बढ़ गया जब कनाडा ने भारत पर एक 'डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन' के तहत आरोप लगाया कि जून 2023 में खालिस्तान समर्थक कार्यकर्ता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय राजनयिक संजय कुमार वर्मा और अन्य का हाथ था। भारत ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया और दिल्ली स्थित कनाडाई मिशन के एक वरिष्ठ अधिकारी को समन भेजा। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस पूरे मामले को बेबुनियाद और अस्वीकार्य बताया है। भारत का कहना है कि कनाडा की ट्रूडो सरकार ने भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया है, जिसके चलते भारत ने यह सख्त कदम उठाए हैं।
ट्रूडो सरकार पर भारत का तीखा हमला
भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक कड़े बयान में कहा कि "ट्रूडो सरकार का व्यवहार भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहा है और हमें वर्तमान कनाडाई सरकार पर भरोसा नहीं है।" मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत कनाडा की जमीन पर अतिवाद और अलगाववाद के समर्थन को बर्दाश्त नहीं करेगा और जवाबी कार्रवाई का अधिकार सुरक्षित रखता है।
कनाडा की प्रतिक्रिया
कनाडा की ओर से प्रतिक्रिया देते हुए दिल्ली स्थित मिशन के कार्यकारी उच्चायुक्त स्टीवर्ट रॉस व्हीलर ने कहा कि "कनाडा ने भारत की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है। कनाडा ने हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारतीय एजेंटों की भागीदारी के ठोस सबूत भारत को सौंपे हैं। अब भारत को कदम उठाना चाहिए, जिससे दोनों देशों के संबंध सुधर सकें।"
भारत का जवाबी वार
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कनाडा द्वारा दिए गए इन तथाकथित सबूतों को राजनीति से प्रेरित बताया। मंत्रालय ने कहा कि ट्रूडो सरकार यह सब वोट बैंक की राजनीति के लिए कर रही है। भारत ने कहा, "कनाडा से मिले डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन में हमें हमारे राजनयिकों पर आरोप लगाए गए हैं, जो पूरी तरह बेतुके और आधारहीन हैं।"
इस पूरी घटना ने दोनों देशों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले समय में इस राजनयिक विवाद का समाधान किस प्रकार निकलता है।
Summary: भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद ने गंभीर रूप लिया है। कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों पर लगाए गए आरोपों के जवाब में भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर अपने उच्चायुक्त समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है।