बजट 2018 - एक क्लिक में जानिए मोदी सरकार के घोषणाओं की हकीकत

बजट 2018 - एक क्लिक में जानिए मोदी सरकार के घोषणाओं की हकीकत

बजट में सरकार ने जो बड़ी घोषणाएं की है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनकी हकीकत क्या है।

नई दिल्ली। बजट 2018 -19 के लिए मोदी सरकार ने स्वास्थय, कृषि, गोल्ड, रक्षा जैेसे क्षेत्रों के लिए जो बड़ी तो कर दी है। लेकिन क्या इसको अमल मेंं लाना इतना आसान है। आइए जानते हैं कि सरकार ने किस क्षेत्र के लिए क्या घोषणाएं की हैं और उनकी हकीकत क्या है।

1. स्वास्थ्य नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम
दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ केयर योजना का दावा
ओ बामा केयर के जवाब में दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थकेयर स्कीम लाने का ऐलान किया है। नेशनल हेल्थ प्रोटेक्शन स्कीम (राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना) के तहत अब 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए सालाना 5 लाख रुपए के स्वास्थ्य बीमा का ऐलान किया। वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि इससे 50 करोड़ लोगों को लाभ मिलेगा। इस लिहाज से देखें तो देश की करीब १२५ करोड़ आबादी में से करीब 40 प्रतिशत लोग इस दायरे में आएंगे।
योजना तो है पर लापरवाही
राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना 1 अप्रेल 2008 से लागू है। इस साल केंद्र ने राज्यों को 1000 करोड़ दिया, लेकिन पैसे खर्च ही नहीं हुए। 21 राज्यों के 21 करोड़ बीपीएल को नौ महीने में लाभ नहीं मिला है। जबकि योजना के तहत केंद्र से 60फीसदी रकम मिलती है।

2. कृषि किसानों को सब्जबाग दिखाए
खरीफ फसलों पर लागत से डेढ़ गुना एमएसपी देंगे
जे टली ने कहा-सरकार ने रबी की फसल पर उत्पादन लागत से डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया है, अब खरीफ की फसल पर भी कम से कम डेढ़ गुना एमएसपी देंगे। इसके अलावा किसान के्रडिट कार्ड मछुआरों और पशुपालकों को दिया जाएगा। टमाटर, आलू और प्याज जैसे सालभर प्रयोग में आने वाली खाद्य वस्तुओं के लिए ऑपरेशन ग्रीन लॉन्च। बांस की पैदावार बढ़ाने के लिए सरकार मुहैया कराएगी फंड।
ये है हकीकत
भारतीय खाद्य निगम के आंकड़ों के अनुसार 2015-16 में गेहूं पर उत्पादन लागत 2408 रुपए प्रति क्विंटल आई थी। जबकि 2017 में एमएसपी 1735 रुपए प्रति क्विंटल ही मिला है। इसी तरह धान की फसल पर लागत 3264 रुपए प्रति क्विंटल थी, जबकि समर्थन मूल्य 1590 रुपए तक मिला।

3. गोल्ड नीति आयात-निर्यात पर असर
अब कहीं भी सोना लाने-ले जाने में होगी आसानी
कें द्र सरकार जल्द ही नई गोल्ड नीति का ऐलान करेगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे सोने के आयात और निर्यात में आसानी होगी। ज्वेलर्स कारोबारियों की मांग थी कि सोने पर आयात शुल्क घटाकर 4 फीसदी किया जाए। हालांकि, जवाहरात उद्योग को सरकार ने झटका दे दिया है। हीरे व रंगीन रत्नों पर कस्टम ड्यूटी 2.5 फीसदी से बढ़ाकर पांच फीसदी कर दी गई है।
मंदी की मार...
5 फीसदी सीमा शुल्क से जवाहरात के कच्चे माल का निर्यात महंगा होगा। जबकि अन्य देशों में हीरे व रंगीन रत्नों का निर्यात कस्टम फ्री है। पहले से ही मंदी है। इमिटिशन ज्वैलरी पर आयात शुल्क २०त्न हो गई, इससे ये महंगी हो जाएगी।

4. सुरक्षा - संभावित जीडीपी का 1.58%

रक्षा बजट 1962 में चीन युद्ध के बाद सबसे कम

2018-19 के संभावित जीडीपी का लगभग ये 1.58 फीसदी है। पिछले बजट अनुमान के मुकाबले यह 7.81 फीसदी ज्यादा है, जबकि संशोधित अनुमान के मुकाबले यह 5.91फीसदी ज्यादा है। लेकिन देश की जीडीपी के मुकाबले रक्षा खर्च लगातार गिर रहा है।

अन्य देशों में बढ़ रहा खर्च..
अमरीका अपनी जीडीपी का 4 प्रतिशत, रूस 4.5, इजरायल 5.2, चीन 2.5 और पाकिस्तान 3.5 फीसदी रक्षा बजट के लिए आवंटित करता है।

 

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